Nidhi Saxena

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मेरी बेटी मेरा संसार

विषय ; तुझ से ही मेरा संसार 

रूप ; लेख 
शीर्षक ; तुझ से ही मेरा संसार
तुझे कीचड़ से निकाल कर , संग अपने लाई हूं ।
तू फूल है मेरे दिल का बस तेरे लिए ही तो सबसे पंगा ले आई हूं ।
नही बनाऊंगी तेरे लिए कोई पिंजरा , ना बंदिश कोई लगाऊंगी ।
तुझ संग करूंगी दिल की सभी बाते , तेरी भी सुनती जाऊंगी ।
छिपाना न तू मुझसे कभी कोई बात , चाहे हो वो कितनी भी खास ।
मेरे दिल का फूल है तू तुझे शीश पर अपने सजाऊंगी ।
डालेगा बुरी नज़र जो कोई तुझ पर उससे लड़ना तुझे सिखाऊंगी ।
ना फंसने दूंगी कभी कहीं तुझे , हर मुसीबत से तुझे बाहर निकालूंगी ।
जो कहते है अकेले कैसे पलोगी , उनके मुंह पर दोनो मिल तमाचा मारेंगे ।
बस तू रहना संग मेरे , तू होना ना कभी जुदा , कभी होना ना खफा मुझसे ।
तू जान मेरी , तू अभिमान मेरा , तू मेरे सिर का ताज है ।
तुझ से ही तो मेरा संसार है ।
तुझ से ही तो मेरा संसार है।।
                         नीर (निधि सक्सैना)
 

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3 Comments

Sachin dev

07-Dec-2022 06:40 PM

Amazing

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Gunjan Kamal

07-Dec-2022 09:56 AM

शानदार अभिव्यक्ति

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बहुत खूब

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